अर्थ- हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए। काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी । जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥ धूप दीप नैवेद्य https://shivchalisas.com