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Getting My hanuman chalisa To Work

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बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन–कुमार । व्याख्या – मनुष्य के जीवन में प्रतिदिन–रात्रि में चारों युग आते–जाते रहते हैं। इसकी अनुभूति श्री हनुमान जी के द्वारा ही होती है। अथवा जागृति, स्वप्न, सुषुप्ति एवं तुरीय चारों अवस्थाओं में भी आप ही द्रष्टारूप से सदैव उपस्थित रहते हैं। सबकी न कहै, https://hamidq406rrt4.wikimillions.com/user

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